पाली : अकीदत, अनुशासन और शांति के साथ मनाया गया मोहर्रम

पाली : शहीद-ए-करबला हज़रत इमाम हुसैन की शहादत की याद में पाली शहर में मोहर्रम का मातमी पर्व पूरी अकीदत, सादगी और मर्यादा के साथ मनाया गया। शनिवार रात को शहादत की रात का आयोजन धार्मिक जोश और गमगीन माहौल के बीच सम्पन्न हुआ, जबकि रविवार को शहर की गलियों से पारंपरिक रूप से पांच ताजियों के साथ मातमी जुलूस निकाला गया।
हैरतअंगेज़ करतबों ने खींचा ध्यान
शहर के भैरूघाट, पिंजारों का बास, केरिया दरवाजा क्षेत्र में शनिवार रात को आयोजित कार्यक्रम में अखाड़ों ने हैरतअंगेज़ करतब दिखाए। युवाओं ने मुंह से आग के गोले छोड़े और जलते डंडों को घुमाकर करबला की शहादत को जीवंत किया। “या अली”, “या इमाम हुसैन” जैसे नारों से माहौल गूंज उठा।
इन करतबों का नेतृत्व हाजी फकीर मोहम्मद चड़वा, सलमान रोशन अली मोयल, हाजी गुलाम नबी पठान, हाजी हाशिम अली खिलेरी, चांद मोहम्मद घोसी, मोहम्मद इकबाल खिलजी और अन्य उस्तादों ने किया।
मातमी जुलूस में उमड़ा जनसैलाब
रविवार को विभिन्न मोहल्लों से निकले ताजिए जाकिर हुसैन रोड पर एकत्रित हुए। जुलूसों में शामिल अकीदतमंदों ने ढोल-ताशों की मातमी धुनों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आयोजन के दौरान हलीम, खीर, पुलाव, शरबत और छबील का वितरण भी किया गया।
रातभर चली इबादतें, प्रशासन रहा सतर्क
मुस्लिम समाज द्वारा शहादत की रात को मस्जिदों में नमाज़ अदा की गई, कुरआन की तिलावत की गई और शहीदों के नाम पर रोजे रखे गए। मस्जिदों में जंगनामा और तकरीरें भी हुईं।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस प्रशासन द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। सीओ सिटी ऊषा यादव के नेतृत्व में सुरक्षा बल तैनात रहे, ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई, वहीं स्वास्थ्य व आपात सेवाएं भी मुस्तैद रहीं।
प्रबंधन में जुटे समाज के प्रतिनिधि
मोहर्रम इंतज़ाम कमेटी के सदर रहीम दादा अब्दुल अज़ीज़ फौजदार, संयोजक मुश्ताक भाई गोरी, सेक्रेटरी रफीक साहब बिश्ती, सरपरस्त रमजान साहब भाटी, नाइब सदर इमरान नागौरी, नाइब कैशियर सिराज गोरी सहित समाज के कई जिम्मेदार सदस्य आयोजन की व्यवस्थाओं में जुटे रहे।