स्वदेशी जागरण मंच संगठन नहीं, एक वैचारिक आंदोलन है: डॉ. अश्विनी महाजन
पाली के जाडन में शुरू हुआ दो दिवसीय प्रांत स्तरीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला

पाली : स्वदेशी जागरण मंच और स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वावधान में पाली जिले के जाडन स्थित ओम विश्वदीप गुरुकुल आश्रम में दो दिवसीय प्रांत स्तरीय विचार वर्ग और कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक डॉ. अश्विनी महाजन रहे, जबकि अध्यक्षता सुरेश भाम्भू ने की।
कार्यक्रम में डॉ. महाजन ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच एक संगठन नहीं बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है, जो भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए निरंतर संघर्षरत है। उन्होंने कहा कि जब-जब देश की नीतियों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव हावी हुआ, मंच ने जनजागरण और जनसंघर्ष के माध्यम से विरोध दर्ज कराया।
उन्होंने जीएम सीड्स, भूमि अधिग्रहण कानून, बैंकॉक समझौता, बीटी कॉटन और विदेशी कंपनियों के प्रभाव जैसे मुद्दों पर मंच की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि स्वदेशी जागरण मंच ने किसानों, लघु उद्योगों और युवाओं के हित में निर्णायक हस्तक्षेप किए हैं।
महाजन ने जोर देकर कहा कि विकास का उद्देश्य अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना होना चाहिए, जैसा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन में उल्लेखित है।
कार्यक्रम को उद्योगपति विनय बम्ब, मोहन जाट, डॉ. सतीश आचार्य, अनिल वर्मा, भागीरथ चौधरी, भुवन दवे, किशोर सिंह, डॉ. कृष्ण अवतार गोयल, समुद्र सिंह फगोरा और नरेंद्र सिंह सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।
विचार वर्ग के पहले दिन विभिन्न सत्रों में 13 जिलों से आए प्रतिनिधियों, स्थानीय उद्योगपतियों, संगठनों के कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय व राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में देवाराम जॉसन, गिरधारी सिंह राजपुरोहित, कमलेश गहलोत, शुभ सिंह सोढा, सुरेश गर्ग, सुदेश सैनी, प्रमोद पालीवाल, रमेश बिश्नोई, रमेश सोनी, अशोक जोशी, डॉ. दर्शन आहूजा और पूनम शर्मा ने भी विचार रखे।