
पाली : हरियाली तीज के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान हरियालो राजस्थान – एक पेड़ माँ के नाम के अंतर्गत भावंरी ग्राम पंचायत में 76वां जिला स्तरीय वन महोत्सव आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला प्रभारी मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय समाजसेवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर दो हजार से अधिक पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और हरियाली के महत्व को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला प्रभारी मंत्री खर्रा द्वारा जिला वृक्ष नीम का पौधा लगाकर हुई। इसके बाद मंत्री, जिला कलेक्टर एल एन मंत्री, पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना, प्रभारी सचिव अश्विनी भगत, सीईओ मुकेश चौधरी, ग्राम प्रधान मोहनी देवी एवं अन्य अधिकारियों ने संयुक्त रूप से पौधारोपण किया और सैल्फी पॉइंट पर फोटो खिंचवाकर इस आयोजन को यादगार बनाया।
दौरे के दौरान जिला प्रभारी मंत्री ने ग्रामीणों व बच्चों को संबोधित करते हुए वृक्षारोपण के सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता-पिता के नाम से एक-एक पेड़ लगाकर उसकी सही देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने पिछले वर्ष लगाए गए पौधों की सफलता का भी उदाहरण देते हुए बताया कि करीब 70 प्रतिशत पौधे स्वस्थ होकर वृक्ष बन चुके हैं। बच्चों से भी उन्होंने आग्रह किया कि वे अपने परिवारों को वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करें ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और संतुलित पर्यावरण मिल सके।
जिला प्रभारी मंत्री ने कहा कि वृक्ष लगाने से न केवल प्रदूषण में कमी आती है बल्कि तापमान नियंत्रित रहता है, जो मानव मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने वैज्ञानिक तथ्यों का हवाला देते हुए बताया कि 53 डिग्री से अधिक तापमान पर मस्तिष्क की कोशिकाएं प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए पर्यावरण संतुलन बनाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ का प्रसारण भी सुना। स्थानीय विद्यालय की छात्राओं ने तिलक लगाकर, तुलसी का पौधा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया।
इस वन महोत्सव में अतिरिक्त जिला कलेक्टर बजरंग सिंह, डीएफओ बाला मुरुगन, जनप्रतिनिधि सुनील भंडारी, समाजसेवी पुखराज पटेल, ग्राम पंचायत प्रशासक सुनीता त्रिवेदी, मोहनलाल सायरचंद चेरेटिबल ट्रस्ट के गौतम कवाड व हर्षवर्धन सिंह सहित अनेक अधिकारी, शिक्षक, ग्रामीण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिले में बढ़ती जागरूकता का प्रतीक माना जा रहा है, जो सतत हरियाली और स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।